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Gautam B.
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Posted on 09-22-05 3:32
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गोतामेको गनगन हाईकु लेख्न भनेर बसेको यस्ता टुक्रामात्रै निक्ले । नियममा बसेर लेख्ने कुरा मेरो वशमा नभएजस्तो छ। सुझाव अपेक्षित छ। "गरिबिको आनन्द" सस्तो कोठाले पूर्ण भएको छ मेरो लाम्खुट्टे मार्ने कला । "बतास" तन छुँदाछुँदै मन पनि धोईसकेछ क्या मिठो बतास । "छुट्टी" दुइ दिने छुट्टी किताबहरुको माझबाट सुटुक्क गयो। हाइकुको जन्मभूमि घुमेपछि एउटा हाइकु तेसैको नाममा। "क्योटो" आदिम आँगन शताब्दीहरु नाच्दै बग्छन् ।
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Gautam B.
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Posted on 11-03-05 12:09
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चाडबाडका बारेमा नया शाही नियम; "दशैँ" खसीको साथ हरेक वर्ष काट्ने देशको हात । (जनताको अधिकार काटिएको प्रसंग है!) "तिहार" के को तिहार? भैली दिऊँसै खेल्नु रक्सीचैँ पिउनु । "होली" हल्ला नगर्नु 'जय', 'जय' भनेर- बिहानै खेल्नु । अरु पनि बन्दैछन्। जस्तै यो तलको, "माघ" नैतिक बन्नु 'शाही' स्वस्थानी पढ्नु, ज्यान प्यारो भे'!
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Gautam B.
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Posted on 11-03-05 6:33
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"होली"लाई अलिक थपथाप पार्दै; "होली" हल्ला नगर्नु 'जय', 'जय' भनेर- बिहानै खेल्नु! रातो नदल्नु- माओवादी रंग हो, पहेँलो दल्नु! होलीमा झोली बारुदले भरेर रेडियो पोल्नु! तयार राख्नु बन्दुकको पीच्कारी रगत घोल्नु! हल्ला नगर्नु 'जय', 'जय' भनेर- बिहानै खेल्नु!
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Gautam B.
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Posted on 11-05-05 1:07
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"के काम?" आँधी-बाढीको- हिऊँदको पत्कर अझै रहेमा? हाँगा बगेर कंकाल बूढो रुख अझै रहेमा? साउने मूल फुटेर फेरि सोझै ढल पसेमा? "नया मित्रराष्ट्र" पागल किम, ट्युनिशिया, लिबिया, मुगाबे 'गुरु'। "सल्लाह" पहिले ताक्नु- घरकै 'छोटे' राजा, 'बडे' ढाल्ने भे!
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kick
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Posted on 11-05-05 2:13
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अति राम्रो गोतमजी, "नया मित्रराष्ट्र" पागल किम, ट्युनिशिया, लिबिया, मुगाबे 'गुरु'। कस्?तो विडम्?वना!
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Dada_Giri
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Posted on 11-05-05 8:12
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याद भाइटिकामा जुनियर बैनीको टिका ग्रहण - मुटुमाथि ढुगां राखी हाँस्नु प-या थ्यो।
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Gautam B.
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Posted on 11-10-05 5:19
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पर्नु पीर परेछ दादालाई। सबैलाई पर्छ त्यस्तो कहिलेकाहीँ। आज 'शानेवानी'को बारेमा हाइकु फुर्यो, पस्कदैँछु। "शानेवानी" रगतै दुहे- दल, दरवारले, थारो भएछ! "शानेवानी" चालक तीस ट्याक्टर जम्मा दुई होस्टेस साठी। "शानेवानीका परिचारिका" हाँस्न हुन्न रे! पचासकी 'तरुनी'! चालीसे 'ठिटी'!
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Dada_Giri
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Posted on 11-13-05 7:11
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म नि थप्छु है तर ५-७-५ मिलेन तल्लोमा। यात्रु बिचल्ली धान छोडेर लप्सी विमान् कायरो काम् कुरो एकातिर राजा बोकी अफ्रिकातिर शानेवानि
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world_map
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Posted on 11-13-05 12:37
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म चैं हाइकु भन्ने चीज पहिलो पटक लेख्दैछु। मिल्यो कि मिलेन भनौं है गुरूहरू? बल्ल बल्ल यौटा लेख्न सकें। "सार्क सम्मेलन" ढाकामा श्री५ विदेशीलाई गाली स्वयं चैं ताली
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Gautam B.
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Posted on 11-13-05 4:26
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राम्रो छ विश्व-नक्शाजी। अरु पनि जाओस्। अहिलेको तातो विषयमा साथिहरुले लेखेपछि लेख्ने कुरै रहेन अहिलेलाई।
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Gautam B.
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Posted on 11-14-05 1:05
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नेपाल-जापान.कम मा कविता देखें,धन्यवाद दादा।
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world_map
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Posted on 11-14-05 2:52
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ल, अर्को यौटा। "राजा" कैले स्वदेश कैले पराई देश घुमेरै खाने
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world_map
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Posted on 11-14-05 3:20
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फेरी अर्को। "दुई नोकर" गिरी र विष्ट मेरा यी दुई घोडा के छ र कष्ट?
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world_map
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Posted on 11-16-05 11:04
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म एक एक गरी टाँस्दैछु। यो अर्को। ?सत्ताको दाउ? हाम्रा नेताका सफलताको अर्थ दिल्लीको तीर्थ
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world_map
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Posted on 11-16-05 11:20
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"शाही आह्वान" हुन्छ चुनाउ ए पार्टी हो! लौ आउ र पछुताउ
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world_map
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Posted on 11-16-05 11:28
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कति फुरेको होला, तर यौटा यौटा गरेर। फेरी अर्को सुनम्। "जनयुध्द" माओको बाटो सुख शान्तिको साटो जनता लाटो
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world_map
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Posted on 11-16-05 2:50
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आजको लागि अन्तिम हाइकु, निद्रा पनि लाग्यो। "वर्तमान परिस्थिति" चर्को अन्यौल स्थिति छ डामाडोल केही नबोल
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Gautam B.
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Posted on 11-16-05 4:14
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माने विश्व-नक्शालाई। दामी छन् हाइकुहरु। बढि मन परेको दुइटाचैँ "सत्ताको दाउ?" र "शाही आह्वान"। अरु पनि जाओस्। आफूलाईचैँ आजभोलि फुर्नै छाड्यो।
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world_map
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Posted on 11-20-05 2:12
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ल, केही दिनपछि फेरी अर्को हाइकु। ?जनयुध्द शुरू भएयता? बंदूक उठ्यो रक्त दलदलमा मुलुक डुब्यो
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world_map
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Posted on 11-20-05 2:14
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यो चैं अलि पुरानो प्रसंगमा। "नारायणहिटी काण्ड" मेशिन गन आफैं उठ्यो र चल्यो रटटटट
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Bhaute
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Posted on 11-20-05 2:25
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यो चैँ हाइकु हैन, नयाँ उखान, "ढुङ्गाको छानो काठको मानु कुर्चि नपाए दिल्ली जानू "
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